Ad Code

Ashish Pendse: The Real Hero of Sitare Zameen Par | Aamir Khan’s 2025 Film

'सितारे ज़मीन पर' के असली हीरो,आशीष पेंडसे की कहानी जो दिल छू लेती है

 आमिर खान की नई फिल्म 'सितारे ज़मीन पर' बनी उम्मीद की किरण

20 जून 2025 को रिलीज़ हुई आमिर खान की फिल्म 'सितारे ज़मीन पर' को दर्शकों और क्रिटिक्स से शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है। फिल्म ना केवल एक इमोशनल कहानी कहती है, बल्कि समाज में स्पेशल बच्चों के प्रति सोच को बदलने की कोशिश भी करती है।

इस फिल्म में एक किरदार है जिसने सभी का ध्यान खींचा – वो हैं आशीष पेंडसे, जिन्होंने 'सुनील' का किरदार निभाया है। पर आशीष सिर्फ एक एक्टर नहीं हैं, वो एक सच्चे हीरो हैं, जिनकी रियल लाइफ स्टोरी रील से कहीं ज़्यादा प्रेरणादायक है।


 कौन हैं आशीष पेंडसे? – एक सच्ची प्रेरणा की मिसाल

आशीष पेंडसे, मध्यप्रदेश के खंडवा शहर से हैं। वह डाउन सिंड्रोम से पीड़ित हैं, लेकिन उन्होंने कभी अपनी स्थिति को कमजोरी नहीं बनने दिया। आज वे एक बॉलीवुड फिल्म का हिस्सा हैं, और उनकी कहानी लाखों लोगों को प्रेरित कर रही है।

✅ उम्र: 37 साल

✅ शहर: खंडवा, मध्यप्रदेश

✅ मेडिकल कंडीशन: डाउन सिंड्रोम

✅ भूमिका: फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ में सुनील


 परिवार ने नहीं दिया "स्पेशल" का टैग, बनाया आत्मनिर्भर

आशीष की सफलता के पीछे उनके परिवार का बड़ा हाथ है। उनके पिता, जो पहले SBI में काम करते थे, ने समय से पहले रिटायरमेंट लिया ताकि अपने बेटे की देखभाल और सपनों में पूरा साथ दे सकें।

उनकी मां सिंधू पेंडसे ने भी हर कदम पर उनका साथ दिया। भाई सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, लेकिन आशीष को कभी "स्पेशल चाइल्ड" कहकर नहीं बुलाया गया। घर में उन्हें हमेशा एक सामान्य इंसान की तरह ट्रीट किया गया, जिससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ा।


 पैकिंग से फिल्मों तक का सफर

आशीष के पिता ने उन्हें किराने की दुकान पर पैकिंग का काम सिखाया। इसका मकसद सिर्फ हाथों की एक्सरसाइज़ या बिज़ी रहना नहीं था, बल्कि स्वतंत्रता और आत्मसम्मान की भावना जगाना था।

धीरे-धीरे आशीष ने सोशल मीडिया पर भी एक्टिव होना शुरू किया। उनके इंस्टाग्राम पर अब 290+ फॉलोअर्स हैं – जो अब फिल्म के बाद तेजी से बढ़ रहे हैं।


 फिल्म कैसे मिली? – ऑडिशन में सुनाई थी अटल बिहारी वाजपेयी की कविता

एक दिन मुंबई से आशीष को ऑडिशन के लिए कॉल आया। वह मौका था, जो उनके जीवन का सबसे अहम मोड़ साबित हुआ। ऑडिशन में जब उनसे कुछ सुनाने को कहा गया, तो आशीष ने अटल बिहारी वाजपेयी की कविता सुनाई।

उनकी आवाज में आत्मविश्वास, आंखों में सपना और शब्दों में गहराई देखकर डायरेक्टर आर. एस. प्रसन्ना और आमिर खान दोनों प्रभावित हो गए। आशीष को तुरंत फिल्म में कास्ट कर लिया गया।


 सेट पर मिला सम्मान – हर क्रू मेम्बर ने ली खास ट्रेनिंग

फिल्म की शूटिंग के दौरान, आमिर खान ने यह सुनिश्चित किया कि डाउन सिंड्रोम से पीड़ित कलाकारों को पूरा सम्मान और सहजता मिले। इसके लिए फिल्म के सेट पर सभी क्रू और एक्टर्स को स्पेशल ट्रेनिंग दी गई, जिससे वे इन कलाकारों के साथ बेहतर तालमेल बना सकें।

यह कदम फिल्म इंडस्ट्री में एक नया उदाहरण बना – इन्क्लूजन और सम्मान का।


 क्या कहती है ये कहानी समाज से?

आशीष पेंडसे की कहानी हमें यह सिखाती है कि "कमजोरियां नहीं, नजरिया फर्क लाता है।" समाज में अक्सर ऐसे बच्चों को सीमित समझ लिया जाता है, लेकिन आशीष जैसे उदाहरण हमें यह बताते हैं कि सपनों के लिए शरीर नहीं, आत्मा मज़बूत होनी चाहिए।


निष्कर्ष (Conclusion)

‘सितारे ज़मीन पर’ के साथ बॉलीवुड ने सिर्फ एक फिल्म नहीं बनाई, बल्कि एक सोशल स्टेटमेंट दिया है। और इस स्टेटमेंट का सबसे चमकता सितारा हैं आशीष पेंडसे – जिनकी जिंदगी की कहानी, संघर्ष और हौसला, हर किसी को प्रेरित करता है।

आशीष ना सिर्फ इस फिल्म के हीरो हैं, बल्कि उन लाखों बच्चों और उनके परिवारों के लिए आशा की किरण हैं, जो समाज में बराबरी के मौके और सम्मान के हकदार हैं।

 Keywords (2025)

  • Aashish Pendse real story
  • Sitare Zameen Par actor with Down Syndrome
  • Inspirational Bollywood actors 2025
  • Down Syndrome success story India
  • Ashish Pendse Aamir Khan movie
  • Stars on Earth real hero
  • Aamir Khan movie real life cast
  • Special needs actors in Bollywood
  • Sitare Zameen Par reviews
  • Ashish Pendse Instagram


 Related Post:-



Post a Comment

0 Comments