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Coolie vs War 2: क्यों बिग बजट फिल्में फैंस का दिल नहीं जीत पाईं?

Coolie vs War 2: क्यों बिग बजट फिल्में फैंस का दिल नहीं जीत पाईं?

तो भाई लोग, बैठ जाओ आराम से — आज बात करेंगे दो बिग बजट, मल्टी स्टारर, सुपरहिट होने के लिए बनी हुई लेकिन "डिसेंट" निकल चुकी फिल्मों के बारे में — "Coolie" और "War 2"

देखो, उम्मीदें जब बहुत ज़्यादा हों न, तो थोड़ा भी कम मिल जाए तो वो "निराशा" बन जाती है। और यही हुआ है इन दोनों फिल्मों के साथ।


 1.  जब दो बड़े हाथी आमने-सामने आ जाते हैं तो नुकसान जंगल का होता है।

अब सोच के देख, इंडिपेंडेंस डे पर दो मेगाबजट फिल्में, दो मल्टी स्टारर, दो सुपरहिट डायरेक्टर्स, और दो इंडस्ट्रीज की टक्कर—साउथ और बॉलीवुड।
Coolie ने एक तरफ Rajinikanth, Nagarjuna, Upendra और Aamir जैसे पैन-इंडिया लेवल स्टार्स को साथ लाकर धमाका कर दिया।
War 2 ने दूसरी तरफ Hrithik Roshan और Jr. NTR जैसे दो पॉवरहाउस एक्टर्स को एक ही स्क्रीन पर उतार कर आग लगा दी।

लेकिन दिक्कत यही थी—दोनों एक ही दिन भिड़ गए।
अब आम जनता में उतने पैसे या टाइम नहीं कि दोनों देखे। तो ऑडियंस बंट गई। और इसी वजह से दोनों फिल्मों की पॉवर आधी हो गई।


 2. Unfulfilled Expectations — जब दिल कुछ और चाहता है और स्क्रीन पर कुछ और दिखता है।

Coolie को लेकर लोग ये सोचकर गए कि ये भी LCU (Lokesh Cinematic Universe) से जुड़ा होगा। क्योंकि LCU से जुड़ी हर फिल्म में थोड़े-बहुत हिंट्स होते हैं।
लेकिन यहाँ फिल्म शुरू होती है और खतम हो जाती है — कोई कनेक्शन ही नहीं।
लोकेश ने पहले ही कह दिया था कि ये स्टैंडअलोन है — लेकिन फिर भी लोग दिल में उम्मीद लेकर बैठे थे कि कुछ ना कुछ तो निकलेगा।
पर जब कुछ नहीं निकला, तो एकदम ठंडा रिस्पॉन्स मिला।

War 2 का भी यही हाल रहा।
लोग सोच रहे थे कि Tiger Shroff आएगा, Shah Rukh Khan का Pathaan दिखेगा, Salman Bhai के RAW वाले अंदाज़ में एंट्री होगी।
लेकिन मिला क्या? एक साधारण सी कहानी जिसमें ना तो स्पाई यूनिवर्स का thrill था, और ना ही कोई जबरदस्त ट्विस्ट।


 3. प्रेजेंटेशन — पैसे लगे थे, पर दिमाग और दिल दोनों नहीं।

अब बात करें VFX और सिनेमैटिक एलिवेशन की—तो भाई, जितना पैसा दिखाया गया, उतना प्रभाव नहीं दिखा।
Coolie में भले Rajinikanth का screen presence फाड़ू था, लेकिन पूरे फिल्म में multiple tracks को जबरदस्ती merge किया गया।
War 2 में Jr. NTR का intro सीन हो या Hrithik की entry — VFX इतना unreal लगा कि फर्स्ट शॉट में ही कनेक्शन टूट गया।


 4. Repetitive Screenplay — Same story, different faces.

अब देखो, कितनी बार एक ही कहानी देखेंगे?
Coolie में एक बंदा jail से आता है, बदला लेता है, उसके पुराने दोस्त उसे धोखा देते हैं, फिर वो सबका गेम बजाता है—यही सब Vikram और Jailer में भी दिख चुका है।
War 2 में दो जासूस, जो बचपन में दोस्त थे, फिर दुश्मन बने, फिर आखिर में एकजुट हो गए — ये तो Bollywood का पुराना नशा है।

Audience अब समझदार हो चुकी है। उसे बस स्टाइल या एक्शन से नहीं, कहानी से भी इम्पैक्ट चाहिए।


 5. Overhype की बिमारी — जो ज्यादा चिल्लाते हैं, वो कम असर करते हैं।

Coolie के पोस्टर्स, स्टारकास्ट, और marketing ने इतना हाइप बनाया कि लोग सोचने लगे – "भाई, ये तो Industry बदल देगी!"
War 2 ने भी सोच रखा था कि Hrithik + NTR = ब्लास्ट।

लेकिन ज़मीन पर कुछ नया नहीं था।
Audience मूर्ख नहीं है। अब वो सिर्फ face value पर टिकट नहीं काटती। उसे substance चाहिए।
और दोनों फिल्मों में substance का भारी अकाल था।


 6. Zero Impact — थिएटर से बाहर निकलते ही फिल्म भूल जाना।

भाई, फिल्म देखकर निकलते ही अगर audience ये ना कहे कि “भाई, तू भी ज़रूर जा के देख,” तो समझ ले कि फिल्म का इम्पैक्ट zero है।

Coolie में ना कोई ऐसा डायलॉग था जो viral हो, ना कोई सीन जो दिमाग में बैठे।
War 2 में ना कोई ऐसा मोमेंट था कि जिसमें लोग सीट से खड़े हो जाएं।

बस “ठीक है”, “चलेगी”, “इतनी बुरी भी नहीं थी” वाले रिएक्शन मिल रहे हैं—जो दर्शाता है कि दोनों फिल्मों का इम्पैक्ट गायब है।


 7. Direction और Execution की कमी — Idea अच्छा था, execution हल्का पड़ गया।

Coolie में Lokesh Kanagaraj से सबने बहुत ज्यादा उम्मीद की थी—सोचा था कुछ गेमचेंजर देखने मिलेगा।
लेकिन लोकेश यहां बस स्टाइल पर रुके रहे, सोल पर नहीं।

War 2 में Ayan Mukerji ने एक्शन डायरेक्टर बनने की कोशिश की—but हर सीन को extra epic बनाने के चक्कर में depth ही गायब हो गई।

Result? स्टाइलिश फ्रेम्स तो थे—but बिना आत्मा के।


 8. बजट दिखा, लेकिन दम नहीं दिखा।

अब भाई, जब तू 350-400 करोड़ की फिल्म बना रहा है, तो हर फ्रेम आग होना चाहिए।
लेकिन दोनों फिल्मों ने उस बजट का इस्तेमाल गलत जगह किया।
Coolie को A-rated बताकर audience को "brutal action" की उम्मीद दिलाई गई—but जो एक्शन आया वो PG-13 feel दे रहा था।

War 2 ने पैसे मार्केटिंग और इंटरनेशनल शूट्स में झोंक दिए—but जो स्क्रीन पर आया वो Hollywood के 2010 वाले VFX से भी हल्का था।


 9. No "Never Seen Before" Moment — वो सीन जो सालों तक याद रह जाए, कहां है भाई?

एक भी ऐसा सीन नहीं जिसे देखकर लोग कहें — "भाई क्या चीज़ थी!"
ना Coolie में, ना War 2 में।

Monica Song और Janaab-e-Aali बस गाने थे — मूवी को आगे नहीं बढ़ाते।
कोई elevation shot नहीं, कोई dead silence वाला emotional punch नहीं, कोई यादगार one-liner नहीं।
मतलब पूरा पैसा लगा, लेकिन याद में कुछ नहीं रहा।


 आख़िरी बात — दोनों फिल्में खराब नहीं हैं, लेकिन ख़ास भी नहीं हैं।

Coolie और War 2 दोनों ही decent watch हैं—अगर आप सिर्फ fan हैं, या टाइम पास करना है।
लेकिन अगर आप expectation लेकर जा रहे हैं कि ये फिल्में इंडस्ट्री बदल देंगी—तो भाई disappointment हाथ लगना तय है।


 और अब सवाल जो सबको झकझोर रहा है...

जब NTR बचपन में Spy बनने से रिजेक्ट हो गया था, तो अब RAW एजेंट कैसे बना?
क्या बच्चा बड़ा होकर बदल नहीं सकता? या star power की वजह से उसे दोबारा मौका मिला?
क्या ये सिर्फ casting stunt था या सच में कोई deep plot reason है?

भाई लोग — सोचो, समझो, और बताओ — तुम्हें क्या लगता है?



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