सैयारा मूवी रिव्यू: आशिकी 2 और रॉकस्टार का कॉकटेल, म्यूजिक और इमोशन से भरी यंग लव स्टोरी
2013 में आशिकी 2 आई थी, और आज से ठीक 12 साल पहले उस वक्त मैं 24–25 साल का था—एकदम जवानी पर था यार! और आशिकी 2 की स्टोरी लाइन, गाने और वो रोमांस… बस सीधा दिल में उतर गया था। अब मैं समझता हूँ कि सैयारा अचानक से कैसे इतना हाइप में आ गया—क्योंकि जो लोग इसको हाउसफुल बना रहे हैं, वो सारे 18 से 25 की उम्र वाले नौजवान ही हैं।
दरअसल सैयारा भी वही टेम्प्लेट फॉलो करती है: थोड़ा रॉकस्टार, थोड़ा आशिकी 2, कहो ना प्यार है क्रंच के साथ सनम तेरी कसम की तड़प-ब्रेकअप फ्लेवर—और स्वादानुसार सैयारा बन गई। पहले इसके नाम आशिकी 3 होने की बात भी चली थी, लेकिन राइट्स इशू हो गए, तो नाम बदल गया (Wikipedia, punjabkesari)।
इस फिल्म में दो नए चेहरे हैं — अहान पांडे और अनीत पड्डा।
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अहान पांडे, चंकी पांडे के नेफ्यू हैं, और यह उनका डेब्यू है यशराज फिल्म्स के बैनर तले मुंह देखने वाली हीरो के रूप में (Webdunia)।
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अनीत पड्डा, पंजाब के अमृतसर की रहने वाली, बड़े ग्राउंड से आ रहीं हैं, मॉडलिंग से शुरुआत की, पहले Salaam Venky जैसी फिल्मों में छोटा रोल किया, फिर Amazon की सीरीज़ Big Girls Don’t Cry (2024) में दमदार प्रदर्शन किया, और अब मुख्य भूमिका में आए हैं जैसा कि वेब पर खूब चर्चा में है (Wikipedia)।
कहानी ऐसी है: एक लड़की है (Vaani Batra, अनीत पड्डा), एक लड़का है (Krish Kapoor, अहान पांडे)—लड़की गाने लिखती है, लड़का गाता है, दोनों का दर्द भरा कहना म्यूज़िक के जरिए सामने आता है, एक बदलाव वाला इंसिडेंट होता है, फिर दोनों मिलते हैं और एक दूसरे की ज़िंदगी में उतर आते हैं। फ़िल्म की शुरुआत बहुत ग्रिपिंग है, खासकर पहले हाफ में बहुत जुड़ाव है। सीनो के बीच वह ट्विस्ट भी है जो स्क्रीन पर एक टर्निंग पॉइंट लाता है, जहाँ कुछ सैक्रिफाइसेस दिखते हैं जो स्टोरी को आगे बढ़ाते हैं।
सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है म्यूजिक—मोहित सूरी की फ़िल्म में ऐसे गाने बकवास निकल ही नहीं सकते! यह एल्बम मेरा अब तक का पसंदीदा बन गया है, आप जैसा कोई और आशिकी 2 वाले ज़माने की याद ताज़ा करता है। इसमें टाइटल ट्रैक सैयारा, जुबिन नौटियाल का बर्बाद, विशाल मिश्रा का तुम हो तो, सचेत‑परंपरा का हमसफ़र और अरिजीत‑मिथुन का धुन जैसे गाने शामिल हैं—सब चार्टबस्टर्स थे सरप्राइज से भी ऊपर! (Webdunia)
दोनों एक्टर्स की एक्टिंग अद्भुत है। अहान में डर का, दर्द का, और ज़िद का मेल है—एक तरह का नेपोकिड वाट करता है, पर वो स्टोरी की भूमिका की डिमांड भी है—और अनीत की कीमिस्ट्री शानदार है। पहले मुझे डर था कि ये नए कलाकार बॉलीवुड का पुल ऑफ़ कर पाएंगे क्या? लेकिन दोनों ने सच में बढ़िया एक्ट किया है।
दूसरी तरफ, दूसरी हाफ थोड़ी स्ट्रेची सी प्रतीत होती है—लगता है कहानी छोड़कर लड़की को पकड़ो, फिर छोड़ो, लेकिन प्यार का मामला है ना, वह कभी सिंपल नहीं हो सकता। स्टोरी में एक मज़बूत ट्विस्ट भी आता है लड़की को लेकर, जिससे होती है ग्रेट सैक्रिफाइस की डिटेल, जो पूरी कहानी से जुड़ती है।
लेकिन फ़िल्म के नेगेटिव साइड्स में से एक है—पेरेंट्स का कैरेक्टर सेटअप। ख़ासकर लड़की के माता-पिता को बहुत ही कैज़ुअल और फ्रेंडली दिखाया गया है—कि साला अपनी लड़की को पराए लड़के के साथ ट्रिप पर भेज देते हैं यूं ही, जो मेरे लिए कम-संवेदनशील लगा। लेकिन फ़िल्म तो आज के जमाने की है, प्रैक्टिकल नहीं। फिर भी कुछ फ़्लॉज़ को अगर नजरअंदाज किया जाए, तो फ़िल्म आपको पहले हाफ में ही हुक कर रखती है।
मेरे लिए यह एक गुड वॉच है। गाली-गलौज ज़्यादा नहीं है, लेकिन बिकिनी शॉट्स, किसिंग सीन वगैरह भरपूर मात्रा में हैं—एकदम चोक-फुल बोल्डनेस! तो फैमिली के साथ देखना हो तो अपने हिसाब से देखें—कुछ लोग इस तरह के सीन्स नॉन-कॉम्फर्टेबल पा सकते हैं। लेकिन overall, मैं इसे 3 आउट ऑफ 5 स्टार्स दूंगा (लेकिन गाली वगैरह नहीं है फिल्म में, तो सोच-समझकर)।
यंगस्टर्स जरूर जाएंगे इस फिल्म को देखने, क्योंकि कहानी में अपने आप को देख पाएंगे। जहां आशिकी 2 ने मेरा दिल जीता था, वही ज़माने की तरह सैयारा भी आज की जवानी के दिलों में उतर जाएगी।
मिलते हैं अगले पोस्ट में। 💫
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