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Ajay Devgn vs Aditya Chopra: Kajol phansi beech mein?

अजय देवगन और आदित्य चोपड़ा के बीच टकराव: काजोल की मुश्किल स्थिति

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अजय देवगन और यशराज फिल्म्स के प्रमुख आदित्य चोपड़ा के बीच 2012 में हुआ विवाद आज भी बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक चर्चित घटना है। इस झगड़े का केंद्र बिंदु बनी थीं दो फिल्में, "सन ऑफ सरदार" और "जब तक है जान", जो दोनों एक ही दिन रिलीज़ हुई थीं। इस विवाद के दौरान काजोल, जो अजय देवगन की पत्नी हैं और आदित्य चोपड़ा के साथ सालों से अच्छे संबंध रखती थीं, बीच में फंस गई थीं।

सन ऑफ सरदार और जब तक है जान का रिलीज़ विवाद

यह विवाद फिल्म रिलीज़ के दौरान हुआ जब अजय देवगन ने आरोप लगाया कि यशराज फिल्म्स ने अपनी मार्केटिंग ताकत का उपयोग करके आदित्य चोपड़ा की फिल्म "जब तक है जान" को ज्यादा स्क्रीन्स दिलवाए हैं, जबकि उनकी खुद की फिल्म "सन ऑफ सरदार" को स्क्रीन्स की कमी का सामना करना पड़ा। अजय देवगन ने इस मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से शिकायत भी की, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि यशराज फिल्म्स ने अपनी बाज़ार स्थिति का गलत फायदा उठाया था।

इस विवाद ने फिल्म इंडस्ट्री में कई सवाल खड़े किए और इसे एक व्यापारिक रणनीति से अधिक व्यक्तिगत मामला बना दिया। यह मुद्दा इतना बढ़ गया था कि मीडिया में इसका काफी समय तक चर्चा होती रही।

काजोल का पर्सनल अनुभव

इस झगड़े को लेकर काजोल ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपनी बात साझा की। काजोल ने बताया कि यह समय उनके लिए काफी मुश्किल था क्योंकि एक तरफ उनका पति अजय था और दूसरी तरफ आदित्य चोपड़ा, जिनके साथ उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया था। काजोल ने लल्लनटॉप से बातचीत में कहा, "झगड़े हमेशा मुश्किल होते हैं, खासकर जब वो बहुत लंबा समय तक सुलझते नहीं हैं। उस वक्त दोनों पक्ष अपने-अपने हक के लिए खड़े थे। मैं दोनों से जुड़ी हुई थी, और मुझे लगता था कि मैं कुछ नहीं कर सकती।"

काजोल ने इस दौरान यह भी कहा कि समय के साथ स्थिति बेहतर हो जाती है और भावनाएं शांत होती हैं, जिससे चीजें धीरे-धीरे सही दिशा में बढ़ती हैं। उनका मानना था कि बदलाव स्वाभाविक होता है और यह अच्छा-बुरा नहीं होता, बल्कि यही जीवन का हिस्सा होता है।

विवाद के बाद क्या हुआ?

यह विवाद लंबे समय तक चला, लेकिन धीरे-धीरे दोनों पक्षों के बीच सब कुछ सामान्य हो गया। अजय देवगन और आदित्य चोपड़ा के रिश्ते भले ही उस समय तनावपूर्ण रहे हों, लेकिन दोनों ने अपनी-अपनी पॉलिटिक्स से बाहर निकलते हुए बॉलीवुड में अपने रास्ते पर ध्यान केंद्रित किया। अजय देवगन ने अपने प्रोडक्शन हाउस एडीएफ के तहत कई फिल्में बनाई, जबकि आदित्य चोपड़ा ने यशराज फिल्म्स के लिए और भी कई हिट फिल्में दीं।

काजोल, जो हमेशा अपने परिवार और पेशेवर रिश्तों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करती रही हैं, ने भी अपनी फिल्मों और निजी जीवन में संतुलन बनाए रखा। काजोल की लोकप्रियता और उनकी फिल्मों की सफलता में कोई कमी नहीं आई, और वे आज भी इंडस्ट्री में एक प्रमुख नाम हैं।

यशराज फिल्म्स और अजय देवगन के रिश्ते

हालांकि इस विवाद के बाद अजय देवगन और यशराज फिल्म्स के बीच रिश्ते कभी पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाए, लेकिन दोनों के बीच एक व्यावसायिक दूरी बन गई थी। 2012 के बाद से, अजय देवगन ने अपनी फिल्में स्वतंत्र रूप से प्रोड्यूस कीं और यशराज फिल्म्स के साथ ज्यादा सहयोग नहीं किया। वहीं, आदित्य चोपड़ा ने भी अपनी फिल्में सफलतापूर्वक प्रोड्यूस कीं, और यशराज फिल्म्स को आगे बढ़ाया।

यह घटना एक उदाहरण है कि कैसे बॉलीवुड में व्यापारिक प्रतिस्पर्धा कभी-कभी व्यक्तिगत रिश्तों को भी प्रभावित कर सकती है, और कैसे कलाकारों और निर्माताओं को इस स्थिति से निपटना पड़ता है।

निष्कर्ष

अजय देवगन और आदित्य चोपड़ा के बीच यह विवाद बॉलीवुड के व्यापारिक और व्यक्तिगत पहलुओं का एक दिलचस्प उदाहरण है। इसने दर्शाया कि कैसे एक फिल्म की रिलीज़, मार्केटिंग और स्क्रीन स्पेस को लेकर संघर्ष हो सकते हैं। काजोल के लिए यह स्थिति कठिन थी, लेकिन उन्होंने समय के साथ इस विवाद को शांत करने और रिश्तों को ठीक करने की कोशिश की।

आखिरकार, यह विवाद और उसके बाद का समय यह सिद्ध करता है कि बॉलीवुड में रिश्तों और व्यावसायिक हितों के बीच संतुलन बनाए रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।

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