
जाट (2025) फिल्म समीक्षा – सनी पाजी का गुस्से से भरा कमबैक
🎬 Overview
- Release Date: 2025
- Director: नंदकिशोर सिंह
- Cast: सनी देओल, रणदीप हुड्डा, विनीत कुमार, रेजीना कैसेंड्रा
- Genre: एक्शन, ड्रामा, थ्रिलर
- Language: हिंदी
🎬 इतनी बड़ी बात हो गई, किसी को पता तक नहीं चला...
सेंसर बोर्ड ने 22 कट मार दिए, पूरी फिल्म को नया रूप देना पड़ा। जब ये सुना तो लगा, आखिर सनी देओल ऐसा क्या बना रहे हैं जिससे पूरी इंडस्ट्री डरी हुई है? और जब "जाट" देखी... सबकुछ समझ आ गया।
🔥 सनी देओल की वापसी - गदर 2 के बाद अग्नि परीक्षा
"गदर 2" ने 60 करोड़ के बजट में 700 करोड़ की कमाई की। लेकिन "जाट" की एडवांस बुकिंग 3 करोड़ से भी नीचे क्यों रही? क्या फिल्म कमजोर है या मार्केटिंग?
सच ये है कि फिल्म पूरी तरह सनी देओल के स्टारडम पर निर्भर है। ये एक तरह से 'डू और डाई' प्रोजेक्ट है उनके लिए। फिल्म का बजट 100 करोड़ के आसपास बताया जा रहा है — और इसमें उनकी इज्जत भी शामिल है।
🎭 जब विलेन बना फिल्म का असली हीरो
फिल्म में सबसे बड़ी चौंकाने वाली चीज़ है — रणदीप हुड्डा का किरदार। विलेन पर इतना ज़ोर? जी हां, यहां विलेन की भी अपनी पूरी कहानी है। उनके किरदार "राणा टुंगा" को देखकर बॉलीवुड के उन सारे डायरेक्टर्स को शर्म आ जाएगी जिन्होंने कभी रणदीप को सही तरह से उपयोग नहीं किया।
विनीत कुमार का किरदार भी उतना ही ताकतवर है। वो अपने डायलॉग्स और आवाज़ से स्क्रीन को हिला देते हैं। और यही तो वो डार्क जोन है जहां फिल्म असली मायने में अलग दिखती है।
⚔️ सिर्फ एक्शन नहीं, स्टोरी है धांसू
"जाट" कोई फालतू मारधाड़ वाली फिल्म नहीं है। इसका प्लॉट गहरा है, डबल लेयर वाला है। एक सीन में जब राष्ट्रपति के टेबल पर एक डब्बा खुलता है और उसमें इंसानी अंगूठे निकलते हैं — पूरा थिएटर सन्न हो जाता है।
राणा टुंगा की अपनी "लंका" है, जहां इंसान नहीं, लाशें पेड़ बनती हैं। लेकिन इस डरावने माहौल में जाट घुसता है और राणा से सिर्फ दो शब्द बुलवाता है: "सॉरी बोल"।
👮 पुलिस की यूनिफॉर्म और गायब लड़कियां
फिल्म में एक सीन है जहां एक कमरे में कई पुलिस वर्दियां पड़ी होती हैं जिनपर एक ही लड़की का नाम लिखा होता है। सवाल उठता है — लड़कियां कहां हैं?
इससे साफ होता है कि राणा टुंगा सिर्फ पूजा नहीं करता, बल्कि एक अंधेरे सच को जीता है। फिल्म धीरे-धीरे एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर बन जाती है।
🩸 सर कटने वाली तलवार और एक महिला का प्रकोप
इस फिल्म में हर दूसरे सीन में सर धड़ से अलग होता है। लेकिन इस बार ये तलवार एक महिला के हाथ में है। एक पॉवरफुल फीमेल विलेन लंबे वक्त बाद दिखाई दी है — रेजीना कैसेंड्रा, जिन्होंने वाकई हैरान कर दिया।
🧨 गदर से भी बड़ा एक्शन? सनी देओल vs रणदीप हुड्डा
एक सीन में सनी देओल पुलिस स्टेशन में घुसते हैं — और फिर जो होता है, वो आज तक किसी फिल्म में नहीं देखा। लोगों को मारने का अंदाज़, प्रेजेंटेशन, और कैमरा वर्क... सबकुछ टॉप नॉच।
गाड़ी रोकना, हड्डी तोड़ना, और भीड़ से भिड़ना — सनी देओल वाइल्ड फायर की तरह दिखते हैं।
📜 बॉर्डर से कनेक्शन: क्या है असली राज?
फिल्म के अंत में जब सनी देओल की असली पहचान सामने आती है — एक शब्द "बॉर्डर" से पूरे प्लॉट को नया आयाम मिलता है। ऐसा कनेक्शन शायद ही पहले किसी बॉलीवुड फिल्म में दिखा होगा।
🎭 विलेन की सीक्रेट आइडेंटिटी
रणदीप हुड्डा को सिर्फ नाम से नहीं, काम से भी राणा टुंगा साबित किया गया है। और सोचिए, पूरी फिल्म सिर्फ 10 घंटे की स्टोरी पर आधारित है।
सनी देओल का एक ही ड्रेस पूरी फिल्म में — मतलब पैसा स्टाइल पर नहीं, कंटेंट पर खर्च हुआ है।
✨ Positives
- Storytelling: एक्शन के हर सीन का कारण है। सबकुछ लॉजिक के साथ।
- Casting: रणदीप हुड्डा, विनीत कुमार, रेजीना — सबने जान लगा दी।
- Concept: दो शब्दों से पूरी फिल्म का कॉन्सेप्ट समझा देना — “सॉरी बोल” — जादू जैसा है।
- Presentation: सनी देओल का अब तक का सबसे खतरनाक रूप।
⚠️ Negatives
- सायामी खैर की एक्टिंग फीकी रही, महिला पुलिस का इमोशन डगमगाया।
- VFX: कुछ जगह बहुत ही खराब था, साफ आंखों से पकड़ा गया।
- Pacing: सेकंड हाफ के बाद फिल्म थोड़ा स्लो हो जाती है।
⭐ Verdict: 5 में से 3 स्टार्स
"जाट" एक ऐसी फिल्म है जो थिएटर में देखने का असली मजा देती है। सीटी, ताली और दिमाग — सब चलाना पड़ेगा। अगर आप एक्शन सिनेमा के फैन हैं तो ये फिल्म आपका ट्रीट है।
आपका क्या कहना है? क्या "जाट" बॉलीवुड को बदल सकती है? कमेंट में बताएं और शेयर जरूर करें।
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